Chaitra Navratri 2020
चैत्र नवरात्रि 2020 25 मार्च से 3 अप्रैल
चैत्र नवरात्रि हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक बेहद प्रमुख पर्व है। इसमें देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूप – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की बहुत हीं भव्य तरीके से पूजा की जाती है।
नवरात्रि में माँ दुर्गा को खुश करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना और पाठ की जाती है। इस पाठ में देवी के नौ रूपों के अवतरित होने और उनके द्वारा दुष्टों के संहार का पूरा विवरण है। कहते है नवरात्रि में माता का पाठ करने से देवी भगवती की खास कृपा होती है। अगर देखा जाए तो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर नवरात्र चार बार आते हैं लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार नवरात्रि का त्योहार वर्षभर में दो बार मनाया जाता है। चैत्र माह में आने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि और शरद ऋतु में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म के धार्मिक पर्वों में से एक है, जिसे अधिकांश हिन्दू परिवार बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं। हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष के प्रारंभ से राम नवमी तक इस पर्व को मनाया जाता है। इस त्योहार को वसंत नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और इसके बाद प्रतिदिन देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। घटस्थापना को कलश स्थापना भी कहते है।
क्यों करते हैं कलश स्थापना ?
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा से पहले गणेशजी की आराधना करते हैं। हममें से अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि देवी दुर्गा की पूजा में कलश क्यों स्थापित करते हैं ? कलश स्थापना से संबन्धित हमारे पुराणों में एक मान्यता है, जिसमें कलश को भगवान विष्णु का रुप माना गया है। इसलिए लोग देवी की पूजा से पहले कलश का पूजन करते हैं। पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करने से पहले उस जगह को गंगा जल से शुद्ध किया जाता है और फिर पूजा में सभी देवी -देवताओं को आमंत्रित किया जाता है।
कलश को पांच तरह के पत्तों से सजाया जाता है और उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा, आदि रखी जाती है। कलश को स्थापित करने के लिए उसके नीचे बालू की वेदी बनाई जाती है और उसमें जौ बोये जाते हैं। जौ बोने की विधि धन-धान्य देने वाली देवी अन्नपूर्णा को खुश करने के लिए की जाती है। माँ दुर्गा की फोटो या मूर्ति को पूजा स्थल के बीचों-बीच स्थापित करते है और माँ का श्रृंगार रोली ,चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण और सुहाग से करते हैं। पूजा स्थल में एक अखंड दीप जलाया जाता है जिसे व्रत के आखिरी दिन तक जलाया जाना चाहिए। कलश स्थापना करने के बाद, गणेश जी और मां दुर्गा की आरती करते है जिसके बाद नौ दिनों का व्रत शुरू हो जाता है।
माता में श्रद्धा और मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए बहुत-से लोग पूरे नौ दिन तक उपवास भी रखते हैं। नवमी के दिन नौ कन्याओं को जिन्हें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों के समान माना जाता है, श्रद्धा से भोजन कराई जाती है और दक्षिणा आदि दी जाती है। चैत्र नवरात्रि में लोग लगातार नौ दिनों तक देवी की पूजा और उपवास करते हैं और दसवें दिन कन्या पूजन करने के पश्चात् उपवास खोलते हैं।
देवी दुर्गा की पूजा गुप्त नवरात्रि में भी की जाती है, आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले इस नवरात्र को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। हालांकि अधिकांश लोगों को न तो इसकी जानकारी है और न ही वो गुप्त नवरात्र को मनाते लेकिन तंत्र साधना और वशीकरण आदि में विश्वास रखने या उसे इस्तेमाल करने वालों के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत ज्यादा महत्व रखती है। तांत्रिक इस दौरान देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उनकी साधना भी करते हैं।
Chaitra Navratri Dates and Times
चैत्र नवरात्रि की तिथियाँ
25th
March 2020
(Wednesday)
26th
March 2020
(Thursday)
27th
March 2020
(Friday)
28th
March 2020
(Saturday)
29th
March 2020
(Sunday)
30th
March 2020
(Monday)
31th
March 2020
(Tuesday)
1st
April 2020
(Wednesday)
2nd
April 2020
(Thursday)
Chaitra Navratri is the nine-day Hindu festival. It begins on the first day of Hindu lunar calendar. The festival marks the worshiping of nine incarnations of Goddess Shakti or Goddess Durga. Every year, this auspicious Hindu festival is celebrated in the month of April and March. It is celebrated in the Hindu month of Chaitra and dedicated to nine avatars of Goddess Durga.
Chaitra Navratri is also mentioned as Rama Navratri in some parts of northern India. Rama Navami, the birthday of Lord Rama, falls on the ninth day during Navratri festival. The Hindu lunar calendar represents the celebrations in the month of Chaitra, which is also defined as marking the New Year. Chaitra Navratri begins with Gudi Padwa in Maharashtra, and the festival begins with Ugadi in Andhra Pradesh.
Legends of Chaitra Navratri
Navratri is a mix blend of various culture and shares a common meaning, i.e. the victory of good over evil. In Chaitra Navratri, Demon Mahishasura, who had defeated all the gods and the devas, was ultimately killed by Goddess Durga. After the Gods were defeated, they approached Brahma (Hindu creator god), Vishnu (preserver god), and Mahesh (the destroyer), whose collective energy gave rise to the supreme deity, Goddess Durga.
In Chaitra Navratri, the 9th day is celebrated as Ram Navami (Spring Hindu festival), the day Lord Rama was born. In the Sharad Navratri, the 10th day is celebrated as Vijayadashami or Dusshera, the day Lord Rama killed the demon king Ravana.
Chaitra Navratri Kalash Sthapana Puja
Chaitra Navratri usually begins in March-April period. People prefer to do Kalash Sthapana puja at their homely space and workplace. A Kalash is kept at the place of worship and people even call a priest to carry out the rituals of Kalash puja.There is a perfect way to install a Kalash on the first day of Navratri.
● Waking up early in the morning and taking a shower must be the first activity.
● After cleaning the idols, the first thing you need to do is cleaning the place where the Kalash has to be kept.
● The next thing you need to do is spreading a red-colored cloth on a wooden seat and chanting the mantras of Lord Ganesha while putting raw rice on the red cloth.
● Using some soil, you need to make an altar and sow the seeds of Barley in it.
● Now, set the Kalash on the soil and pour some water in it.
● Use the vermillion paste to make a swastika sign on the Kalash and tie a holy thread around the neck of the Kalash.
● Add betelnut and coin in the Kalash and keep some mango leaves in it.
● Now, take a coconut, tie a holy thread and a red Chunari around it.
● Put this coconut over the top of Kalash and pray to the almighty God.
● Offer flowers to the deities and worship from the religious mind and the soul.
The Kalash Sthapana puja is proved to be beneficial to draw in more health, wealth and prosperity in our lives.
Foods for Navratri Fasting
During the fast of Navratras, foods like Sabudana Vada (Sago Vada), Sabudana khichadi (Sago Khichadi), Singhare Ka Halwa (Water Chestnut Flour Halwa), Kuttu Ki Poori (Grass Seed Flour or Buckwheat poori), and Singhare Ke Pakore are preferred for eating.
Have a look at the Nine Days of Sharad Navratri and Rituals to be conducted:
● Day 1 – Maa Shailputri Puja – The first form of Maa Durga, Maa Shailputri represents the planet Moon. Worshipping her can help to eliminate any bad effects or omens.
● Day 2 – Maa Brahmacharini Puja – As per astrology, Maa Brahmacharini controls the planet Mars and diminishes any bad effects if worshipped with a pure heart.
● Day 3 – Maa Chandraghanta Puja – Maa Chandraghata dominates the planet Venus and offers courage and fearlessness.
● Day 4 – Maa Kushmanda Puja – Maa Kushmanda represents the planet Sun and eliminates any ill-effects in the nearby future.
● Day 5 – Maa Skandamata Puja – Maa Skand Mata represents the planet Mercury and is very compassionate towards her devotee.
● Day 6 – Maa Katyayani Puja – Jupiter planet is controlled by Maa Katyayani. She provides courage and prowess to her worshippers.
● Day 7 – Maa Kaalratri Puja – Maa Kaalratri controls the Saturn planet and symbolises valour.
● Day 8 – Maa Mahagauri Puja – Maa Mahagauri is the divine controller of planet Rahu and pacify harmful effects.
● Day 9 – Maa Siddhidatri Puja – Maa Siddhidatri dominates the planet Ketu and offers wisdom and knowledge.
Importance of Colors in Navratra
Apart from this, each Navratra is related to a particular color. The Navratra Color are listed below. It is believed that using these colors during Navratra festival will fetch you good luck.
Pratipada – Yellow
Dwitiya – Green
Tritiya – Grey
Chaturthi – Orange
Panchami – White
Shashthi – Red
Saptami- Royal Blue
Ashtami – Pink
Navmi – Purple
We, at PujaBooking, wish you all a very happy and prosperous Sharad Navratra. May Goddess Durga bestow upon you peace, happiness and good health.